बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड [सेबी] ने छोटे निवेशकों के लिए म्युचुअल फंडों में निवेश करने का रास्ता और सुगम बना दिया है।
म्युचुअल फंड कंपनियों के लिए आफर डाक्यूमेंट की फाइलिंग फीस 0.03 फीसदी से घटाकर 0.005 फीसदी कर दी गई है। इसके साथ ही कस्टोडियन के लिए वार्षिक पंजीयन शुल्क 0.001 फीसदी से घटा कर 0.0005 फीसदी कर दी गई है। ये दोनों शुल्क म्युचुअल फंड कंपनियों को देने पड़ते हैं जिसकी वसूली वे छोटे निवेशकों से करते हैं। जाहिर है कि अब छोटे निवेशकों को इससे राहत मिलेगी। सेबी बोर्ड की बुधवार को यहां हुई बैठक में यह फैसला किया गया।
सेबी के चेयरमैन सीबी भावे ने बताया कि सेबी के पूर्णकालिक सदस्य वीके चोपड़ा की अध्यक्षता में गठित एक समिति ने सेबी के शुल्क ढांचे को तर्कसंगत बनाने का सुझाव दिया था। सेबी बोर्ड ने इन प्रस्तावों को स्वीकार कर लिया। इसके साथ ही आईपीओ के आफर डाक्यूमेंट जमा कराने पर दी जाने वाली फीस भी 0.03 फीसदी से घटा कर 0.005 फीसदी कर दी गई है। यह फीस अधिकतम तीन करोड़ रुपये होगी।
राइट इश्यू के लिए आफर डाक्यूमेंट जमा करने पर दी जाने वाली फीस की दर भी 0.05 फीसदी से घटा कर 0.005 फीसदी कर दी गई है। यहां पर अधिकतम फीस पांच लाख रुपये निर्धारित की गई है। बाई बैक के लिए आफर डाक्यूमेंट जमा करने पर फीस की दर 0.5 फीसदी से घटाकर 0.125 फीसदी कर दी गई है। यहां पर अधिकतम तीन करोड़ रुपये की फीस निर्धारित की गई है। वेंचर कैपिटल फंड्स के लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क 10 लाख रुपये से घटाकर 5 लाख रुपये करने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दिखा दी गई है। कटौती के बाद की ये दरें एक अप्रैल,2008 से लागू होंगी।
News From: http://in.jagran.yahoo.com/news/business/general/1_12_4237602.html
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12 years ago
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