पिछले एक वर्ष से बाजार में मंदी का दौर जारी है। ग्लोबल अर्थव्यवस्था अभी भी मंदी गिरफ्त में है और निकट भविष्य में इसके उबरने के कोई संकेत नजर नहीं आ रहे। शेयर बाजारों पर भी इसका प्रभाव साफ नजर आ रहा है। बीच-बीच में तेजी के कुछ दिन जरूर दिखाई देते हैं लेकिन बाजार का रुख अधिकतर समय नीचे का ही रहता है।
जानकारों और अर्थशास्त्रियों का मानना है कि बाजार के लिए बुरा समय अभी नहीं गुजरा है क्योंकि मंदी अभी कम से कम अगली 2-3 तिमाहियों तक जारी रह सकती है। बाजार के ज्यादातर विशेषज्ञों की राय है कि लंबी अवधि के निवेशकों को मंदी के इस दौर का फायदा उठाकर मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों में निवेश करना चाहिए। बाजार के मौजूदा दौर में अच्छे शेयरों और सेक्टरों की पहचान में मदद करने के लिए आप इन बातों पर अमल कर सकते हैं:
कंपनी का प्रदर्शन:
कारोबार के चुनौतीपूर्ण माहौल में कंपनी के प्रदर्शन को देखकर आप मजबूत फंडामेंटल और अच्छे बिजनेस मॉडल वाली कंपनी की पहचान कर सकते हैं। निवेशकों को लार्ज-कैप कंपनियों के पिछली कुछ तिमाहियों के नतीजों की समीक्षा करनी चाहिए। आपको उन कंपनियों को खोजना चाहिए जो मुश्किल कारोबारी स्थितियों के बावजूद लगातार अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों और बाजार की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं।
निवेशक बाजार में प्रत्येक बड़ी गिरावट पर इन कंपनियों में धीरे-धीरे और नियमित निवेश कर सकते हैं। बाजार में मंदी के दौर में कई बार अच्छी कंपनियों के शेयरों के दाम भी घबराहट की लहर के चलते गिर जाते हैं। निवेशकों को ऐसे शेयरों पर नजर रखनी चाहिए।
आर्थिक संकेत
मंदी से निपटने और निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) बहुत से कदम उठा रहे हैं। आमतौर पर ऐसे कदमों का असर दिखने में कुछ समय (लगभग 3-4 तिमाही) लगता है। निवेशकों को ऐसे सेक्टर के अग्रणी शेयर चुनने चाहिए, जिन्हें सरकारी नीतियों से फायदा मिलने की उम्मीद हो। बाजार में प्रवेश करने का समय बहुत महत्वपूर्ण होता है। सरकारी कदमों की घोषणा पर शेयर बाजारों में तेजी देखी जाती है और इसके बाद ये फिर से थमने लगते हैं। निवेशकों को गिरावट के दौर में इन सेक्टरों के शेयरों में आहिस्ता-आहिस्ता और छोटे लॉट में निवेश करना चाहिए। इस तरह वे अपने निवेश का अच्छा औसत मूल्य हासिल कर सकते हैं। इन सेक्टरों में बैंकिंग, ऑयल मार्केटिंग और एविएशन हो सकते हैं।
निवेश की अवधि
शेयर बाजार कम और लंबी दोनों तरह की अवधि वाले निवेशकों को मौके देते हैं। लघु और मध्यम अवधि के निवेशकों को मुनाफा कमाने के लिए बाजार में तेजी के समय पर नजर रखनी चाहिए।
मध्यम अवधि के निवेशकों के लिए ऐसे शेयर अच्छे रहते हैं जो बाजार में गिरावट आने पर ज्यादा नीचे नहीं जाते और तेजी के दौर में अच्छा रिटर्न देते हैं। ऐसे निवेशक उन सेक्टरों में धन लगा सकते हैं, जो मौजूदा मंदी से ज्यादा प्रभावित नहीं हैं। इसके साथ ही ऐसे शेयर भी अच्छे रहेंगे, जो अपने प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। बाजार में भले ही पिछले कुछ समय से मंदी जारी है लेकिन टेलीकॉम, फार्मा और एफएमसीजी जैसे सेक्टर अभी भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। मध्यम अवधि के निवेशक इन सेक्टरों के शेयरों में निवेश पर विचार कर सकते हैं।
निवेशकों के लिए कुछ मूल नियम
बाजार में प्रत्येक निवेशक के लिए मौके मौजूद हैं। निवेशकों को इक्विटी में निवेश के लिए इन साधारण नियमों पर ध्यान देना चाहिए:
शेयर बाजार में निवेश बाजार के जोखिम पर निर्भर करता है। इसलिए निवेशकों को अपने जोखिम का आकलन करने के बाद केवल उसी रकम का निवेश करना चाहिए, जिसे लेकर वे खतरा उठा सकते हों।
बाजार में समय बहुत महत्वपूर्ण होता है लेकिन बाजार के विशेषज्ञों के लिए भी निवेश के सही समय का पता लगाना संभव नहीं है। इसे देखते हुए बाजार में प्रवेश और बाहर निकलने की सही कीमत हासिल करने के लिए कम मात्रा में खरीदारी और बिकवाली करना बेहतर होगा।
छोटी अवधि के निवेशकों को बड़े नुकसान से बचने के लिए 'कट लॉस' और 'बुक प्रॉफिट' का अनुशासन के साथ पालन करना चाहिए।
TAQDEER.............
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- kagaz meri taqdeer ka sada bhi nhi hai
- teri kahani kuch itni jayada bhi nhi hai
- bhula na sake jise hum aisa mere koi
- khawab...
13 years ago
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