Wednesday, February 4, 2009

Scraches Will Be Cone in Minutes : कार की खरोंच पल में हो जाएगी छूमंतर

अपनी नई नवेली कार को भीड़-भाड़ वाली सड़कों पर निकालने में हम सभी की हालत खराब हो जाती है। हमेशा यही डर सताता रहता है कि कहीं कोई खरोंच लग जाए। बहरहाल, अब डरने वाली कोई बात नहीं है क्योंकि वैज्ञानिक एक ऐसा पेंट डिवेलप कर रहे हैं, जिस पर लगी खरोंच अपने आप भर जाएगी। 


यह नया पेंट मेटल को इन्वाइरन्मंट से होने वाले नुकसान से भी बचाएगा। इसलिए इस पेंट को ऑटोमोबाइल पेंट, मैरीन वॉर्निश, फर्नीचर पेंट और पार्क की बेंचों पर लगाए जाने वाले पेंट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा। अमेरिका की इलिनोय यूनिवर्सिटी के मटीरिअल साइंस के प्रफेसर पॉल ब्राउन का कहना है, हमने एक ऐसी सेल्फ हीलिंग कोटिंग तैयार की है जो अपने आप सही हो जाएगी और इस तरह नीचे मौजूद मेटल या प्लास्टिक की परत को सुरक्षित रखेगी। इस खोज में ब्राउन का सहयोग एयरोस्पेस एन्जीनियर स्कॉट वाइट और मटीरिअल साइंस के स्टूडंट सू ह्यू चो ने किया है। 


यह कैसे काम करता है 

अपने आप सही होने वाली कोटिंग बनाने के लिए ब्राउन और उनकी टीम ने पहले एक कैटेलिस्ट या सेल्फ हीलिंग को तेज करने वाले केमिकल के 100 माइक्रोन साइज वाले गोले बनाए। एक माइक्रोन एक मीटर का 10 लाख वां हिस्सा होता है। इसके बाद टीम ने एक हीलिंग एजंट को इतने ही छोटे माइक्रो-कैपस्यूल में बंद किया। फिर इन दोनों को कोटिंग मटीरिअल या पेंट में मिला दिया गया। ब्राउन ने बताया कि हमने कैटेलिस्ट और हीलिंग एजंट को आपस में मिलाकर एक ऐसा कैपस्यूल सिस्टम बनाया जो किसी भी लिक्विड कोटिंग मटीरिअल जैसे पेंट वगैरह में घोला जा सकता है। 


जैसे ही इस कोटिंग पर कोई खरोंच पड़ती है कुछ कैपस्यूल फट जाते हैं ओर इनमें भरे कैटेलिस्ट और हीलिंग एजंट बिखर जाते हैं। ये दोनों आपस में रिएक्ट करके कुछ मिनटों या घंटों में पेंट की परत को हुए नुकसान को पूरा कर देते हैं। यह समय वातावरणीय दशा पर भी निर्भर करता है। 


जंग का नामोनिशान नहीं 

इस नए पेंट की खूबी परखने के लिए रिसर्चरों ने दो स्टील सैंपल लिए। एक पर सेल्फ हीलिंग पेंट लगा था, जबकि दूसरा सामान्य था। वैज्ञानिकों ने दोनों सैंपलों पर खरोंच मारी और फिर उन्हें नमक के घोल में रख दिया। 24 घंटों के बाद उन्होंने देखा कि सामान्य स्टील पर जंग लग गया, लेकिन सेल्फ हीलिंग स्टील 120 घंटों तक भी सुरक्षित रहा। अब ब्राउन और उनके साथियों की कंपनी इस तकनीक का कमर्शल इस्तेमाल का तरीका खोज रहे हैं।

 

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