फिलहाल टैक्स बचाने की योजनाओं का सीजन है। इन दिनों ज्यादातर लोग अंतिम क्षणों में निवेश के कुछ विकल्पों में पैसा डालकर टैक्स बचाने की जुगत में लगे हैं। लेकिन कुछ लोगों के लिए ऑप्शन का चुनाव कोई परेशानी नहीं है। उनके लिए टैक्स के बारे में चिंतित होने से ज्यादा बड़ी चुनौती है कर बचाने वाले प्रोडक्ट के लिए पैसे का जुगाड़ करना।
अगर आप भी ऐसे लोगों की फेहरिस्त में हैं तो कुछ मदद यहां से ले सकते हैं। मौजूदा कारोबारी साल के दौरान आपने जो खर्चे किए हैं, आपको उन पर भी टैक्स छूट मिल सकती है। ऐसा भी हो सकता है कि आपको पूरे एक लाख रुपए बचाने के लिए निवेश न करना पड़े।
ट्यूशन फीस से बचाइए टैक्स
स्कूल फीस एक ऐसा खर्च है, जिसे आय कर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत छूट के दायरे में रखा गया है। हालांकि, कर बचाने के नजरिए से स्कूल फीस, ट्यूशन फीस तक सीमित है। मसलन, हो सकता है कि आप बच्चे की स्कूल फीस के तौर पर 50,000 रुपए चुकाते हों लेकिन उसमें केवल 25,000 रुपए ही ट्यूशन फीस हो।
ऐसे मामले में आय कर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत केवल 25,000 रुपए पर ही टैक्स बचेगा। अभिभावकों के लिए अच्छी खबर यह है कि ऐसी कर छूट दो बच्चों की ट्यूशन फीस पर मिल सकती है और ऊपरी लिमिट 1 लाख रुपए तक है, जो पहले केवल 24,000 तक सीमित थी।
मेडिकल खर्च पर टैक्स सेविंग
हर कर्मचारी 15,000 रुपए सालाना मेडिकल रिम्बर्समेंट के तौर पर लेने का हकदार है और इस तरह यह रकम कर के दायरे में नहीं आती। इसके अलावा यह मंजूरी मेडिकल इंश्योरेंस स्कीम के तहत हॉस्पिटलाइजेशन सुविधा से अलग है। इसलिए टैक्स प्लानिंग के इन अंतिम दिनों में आपको अप्रैल 2008 के बाद के मेडिकल बिल खोज निकालने हैं और उन्हें अपनी कंपनी को सौंपना है।
ऐसा न करने पर आपकी कर देनदारी बढ़ जाएगी क्योंकि नियोक्ता इस रकम को एलाउंस के तौर पर देगा। एक तरफ, अगर आपने पहले ही यह खर्च किया है तो यह कंपनी से रकम हासिल करने का जरिया होगा और साथ ही टैक्स बचाने में भी काम आएगा।
टैक्स सेविंग: लीव ट्रैवल एक्सपेंडिचर
मौजूदा कारोबारी साल में सैर-सपाटा भले ही आपके बैंक बैलेंस को कुछ कम कर दे, लेकिन साथ ही आपकी कर चुकाने से जुड़ी कुछ चिंता भी दूर कर देगी। इन पर होने वाला खर्च लीव ट्रैवल एलाउंस (एलटीए) के तहत आएगा और दो साल में एक बार या चार साल के ब्लॉक में दो बार आप इसका फायदा उठा सकते हैं।
इसलिए अगर आप पिछले साल सालाना घूमने का ब्योरा मुहैया कराना भूल गए थे तो मौजूदा साल में ऐसा कीजिए और टैक्स बचाइए। निश्चित रूप से ऐसे खर्च के लिए आपको नियोक्ता कंपनी को वास्तविक बिल सौंपने होंगे।
इन खर्च से आप बिना नया निवेश किए कुछ टैक्स बचाने में कामयाब हो सकते हैं लेकिन साल चतुराई दिखाइए और अपनी आमदनी की योजना बेहतर तरीके से तैयार कीजिए। मसलन, अपनी एलटीए पर निगाह रखिए और नियमित अंतराल पर मेडिकल बिल क्लेम कीजिए ताकि वित्त वर्ष के अंतिम दिनों में आपको कर बचाने की मुश्किलों से न जूझना पड़े।
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