Wednesday, February 4, 2009

How to Repay your Home Loan in Difficult Situations : मुश्किल हालात में होम लोन का भुगतान कैसे करें

अर्थव्यवस्था में सुस्तीशेयर बाजार में मंदी के तूफान और हजारों नौकरियां जाने से कई लोग कर्ज के जाल में फंस गए हैं। कुछ बैंक अब भी ऊंची ब्याज दर वसूल रहे हैं, जिससे उनकी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। इस वजह से लोगों का घरेलू बजट गड़बड़ा गया है। इन लोगों के लिए कर्ज चुकाना बड़ी चुनौती है। 


पुराने जमाने में लोग कर्ज लेकर मकान नहीं खरीदते थे। वे अपनी जिंदगी के अंतिम वर्षों में मकान खरीदते थे, जब वह इसके लिए बचत से पैसे जुटा लेते थे। आज कई युवा वेतनभोगी मकानमालिक 50 लाख से 1 करोड़ रुपए तक के कर्ज का बोझ लेकर जी रहे हैं। अगर आपकी नौकरी चली जाएगी तो यह कर्ज कैसे चुकाएंगे? संकट के वक्त खुद को और खर्चों को संभालने में कुछ टिप्स आपके काम सकते हैं। कर्जदारों को यह बात दिमाग में रखनी चाहिए कि होम लोन की मासिक किस्त वक्त के साथ बदलेगी। करीब पांच साल पहले कर्जदारों को 7 फीसदी की ब्याज दर पर लोन मिल रहा था। हाल में यह 12 फीसदी की ऊंचाई तक पहुंच गया था। ब्याज दरों में उठापटक चलती रहती है और कर्जदारों को ब्याज के बोझ का अंदाजा पहले से होना चाहिए। 


कुछ जानकार उस कर्ज को पहले चुकाने की राय देते हैं, जिसकी ब्याज दरें ज्यादा हैं। यह तरीका अपनाकर कर्जदार अपनी कुल बचत बढ़ा सकता है क्योंकि वह कर्ज घटना शुरू हो जाएगा जो ऊंची ब्याज दर की वजह से काफी रफ्तार से बढ़ता है। कई लोग होम लोन के अलावा पर्सनल लोन और वाहन खरीदने के लिए भी लोन लेते हैं। कर्ज से मुक्त होने के लिए सिस्टेमेटिक और अनुशासित रणनीति तैयार कीजिए। कर्ज चुकाने की एक योजना तैयार कीजिए और उस पर अमल करिए। लोन चुकाने को अपनी प्राथमिकता में शामिल कीजिए। कुछ कर्जदारों को लोन की बकाया राशि चुकाने तक खर्च करने की अपनी आदत में बदलाव करना पड़ सकता है। 


आंशिक प्री-पेमेंट एक ऐसा विकल्प है, जिस पर लोन लेने वाला व्यक्ति विचार कर सकता है। कुछ वित्तीय संस्था प्री-पेमेंट पर पेनल्टी वसूलते हैं। अगर किसी डेट उत्पाद या बचत खाते में आपकी कुछ रकम जमा है तो आंशिक प्री-पेमेंट पर गौर किया जा सकता है। इससे मासिक किस्तों का आपका बोझ काफी हद तक कम हो जाएगा। नए कर्ज मत लीजिए। होम लोन चुकाने के लिए काफी लंबी वित्तीय प्रतिबद्धता की जरूरत होती है। पहले से खराब वित्तीय स्थिति में और लोन लेने से हालात काबू से बाहर हो सकते हैं। अपनी वित्तीय समस्याओं और बेरोजगारी से जुड़े संकट पर लोन देने वाले संस्थान से बात कीजिए। कुछ संस्थान आपके लिए व्यावहारिक समाधान निकाल सकते हैं। 


डिफॉल्ट एक दु:स्वप्न है जिससे ज्यादातर मकानमालिक खौफ खाते हैं। लंबी अवधि के खर्च और आपातकाल की योजना बना लीजिए। अनुशासन और सही योजना से आप अपने कर्ज से निपट सकते हैं।

 

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