आज के दौर में क्रेडिट कार्ड फैशन स्टेटमेंट की बजाए एक जरूरत बन गया है, लेकिन इसका इस्तेमाल करने वाले लोग अक्सर तमाम शिकायतें करते नजर आते हैं। थोड़ी-सी लापरवाही और कुछ नासमझी के चलते लोग अक्सर धोखा उठा बैठते हैं।
क्या हैं क्रेडिट कार्ड से जुड़े सामान्य घपले?
कार्ड यूज करते वक्त एक आम कस्टमर को किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है?
आमतौर पर लोग क्या गलतियां करते हैं?
क्रेडिट कार्ड से संबंधित शिकायतें करने के लिए लोगों को आमतौर पर लोगों के कस्टमर केयर का ही नंबर पता होता है, लेकिन अगर वहां सुनवाई न हो तो आगे भी शिकायत की जा सकती है। शिकायत दर्ज कराने की पूरी प्रक्रिया
क्रेडिट कार्ड से संबंधित शिकायतों की सुनवाई अगर संबंधित बैंक न करे तो क्या करें?
ऐसे में बैंकिंग ओम्बड्समन के ऑफिस में शिकायत की जा सकती है। हर राज्य की रिजर्व बैंक अव इंडिया (आरबीआई) की ब्रांच में यह कार्यालय होता है। कई छोटे राज्यों में दो राज्यों की मिलाकर एक ही ब्रांच होती है। जैसे दिल्ली में दिल्ली और जम्मू-कश्मीर की साझी ब्रांच आरबीआई में है। बैंकिंग ओम्बड्समन में शिकायत तभी दर्ज होगी, जब बैंक आपकी शिकायत पर एक महीने तक कोई कार्रवाई नहीं करता। बैंकिंग ओम्बड्मन में शिकायत या तो लिखित करें या फिर ई मेल करें। साथ ही अपने बैंक को की गई शिकायत की रिसीविंग भी जरूर लगाएं। बैंकिंग ओम्बड्समन की शिकायत ऑनलाइन भी की जा सकती है।
पता :
बैंकिंग ओम्बड्समैन
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया बिल्डिंग
दूसरी मंजिल, ६ संसद मार्ग
नई दिल्ली
फोन : 011-23725219
ईमेल: bonewdelhi@rbi.org.in
वेबसाइट: www.bankingombudsman.rbi.org.in
ओम्बड्समन के पास शिकायत करने के कितने दिन बाद कार्रवाई पूरी हो जाती है?
वैसे तो ओम्बड्समन के पास की गई शिकायत पर कार्रवाई की कोई टाइम लिमिट नहीं है। फिर भी आमतौर पर तीन महीने के अंदर मामलों का निपटारा हो जाता है।
बिल की ड्यू डेट से कितने दिन पहले कस्टमर को बिल मिल जाना चाहिए? क्या इस बारे में आरबीआई ने कोई नियम बनाए हैं?
आरबीआई ने ऐसे नियम तो नहीं बनाए हैं पर हर बैंक को अपने कस्टमर को इस बारे में पहले ही बता देना चाहिए। यह निर्देश आरबीआई ने सभी बैंकों को पहले से ही दे रखा है कि अपने कस्टमर्स को इस बारे में आगाह कर दे। जो बैंक ऐसा नहीं कर रहे, उनके बारे में आरबीआई के डिपार्टमंट ऑफ बैंकिंग सुपरविजन में शिकायत की जा सकती है।
लेट फीस और उस पर लगने वाले ब्याज के लिए क्या कोई सीलिंग है?
नहीं, सीलिंग का कोई प्रावधान नहीं किया गया है। इस बारे में अभी तक बैंकों पर ही छोड़ा गया है कि वे कितना सर्विस चार्ज या ब्याज लें। लेकिन उन्हें निर्देश दिए जा चुके हैं कि वे इस बारे में शुरू में ही कस्टमर को अपनी शर्ते बता दें और पूरी पारदर्शिता से काम करें। नैशनल कंज्यूमर फोरम ने भी इस बारे में कुछ निर्देश दिए है लेकिन उन पर बैंकों द्वारा केस लड़ा जा रहा है।
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