राजेश कुमार ने 15 साल के लिए 35 लाख रुपए का लोन लिया था। तब ब्याज दरें कम थीं। इसके बाद दरें बढ़नी शुरू हो गईं। इन हालात में राजेश के सामने दो ही विकल्प बचे। पहले के तहत उन्हें मासिक किस्त की रकम बढ़ानी पड़ती, दूसरे में लोन चुकाने की अवधि आठ साल और बढ़ जाती। दोनों ही विकल्प काफी मुश्किल थे। राजेश अभी इस समस्या का हल तलाशने की कोशिश में जुटे ही थे कि उनकी कंपनी ने मंदी के चलते कारोबार बंद कर दिया।
अब उनके पास नौकरी तक नहीं थी, लिहाजा वह होम लोन पर डिफॉल्ट करने लगे। डिफॉल्ट करने पर क्या करें? डिफॉल्ट शब्द किसी के लिए बुरे ख्वाब की तरह है। उस वक्त कोई कर्जदार क्या महसूस करता होगा, जब उसे लगे कि वह लोन का भुगतान नहीं कर सकता? कर्जदार को अपने वित्तीय संकट के बारे में बैंक को जानकारी देनी चाहिए।
अगर कर्जदाता मान जाता है तो वह आसान स्थगित भुगतान योजना पेश कर सकता है या कम ब्याज दर पर मासिक किस्त चुकाने की सहूलियत दे सकता है। हालांकि, इसके लिए कर्जदाता को इस बात का यकीन होना चाहिए कि कर्जदार लोन चुकाने की मंशा रखता है। इस तरह वह बैंक की ओर आने वाली टेलीफोन कॉल और रिकवरी एजेंट के सिरदर्द से बच सकता है।
ऐसे किसी मामले में कर्जदाता, लोन लेने वाले व्यक्ति से कुछ गारंटी या कोई सामान गिरवी रखने को कह सकता है। प्रॉपर्टी की कीमतों में तेजी और ऊंची ब्याज दरों ने मासिक किस्त चुकाना मुश्किल बना दिया है। डिफॉल्ट की आशंका बढ़ गई है। बैंकों ने कर्ज देने की प्रक्रिया काफी सख्त बना दी है। खास तौर से 20 लाख रुपए से ज्यादा के लोन के लिए अधिक सख्ती बरती जा रही है।
होम लोन बांटने से पहले बैंक पहले के मुकाबले अब कहीं ज्यादा सतर्कता दिखा रहे हैं। लोन की अवधि बढ़ाना जिन कर्जदारों को लगता है कि मासिक किस्त का बोझ जरूरत से ज्यादा बढ़ गया है, वह इसे चुकाने की मियाद बढ़वा सकते हैं। ऐसे में किस्त की रकम कम हो जाती है। हालांकि, तब ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ता है।
अन्य फंड का इस्तेमाल
अगर आपका कुछ पैसा दूसरे उत्पादों में लगा है और आप बिना ज्यादा नुकसान उठाए उसे वहां से निकाल सकते हैं तो लोन के आंशिक भुगतान पर गौर कीजिए। कर्जदाता को किया जाने वाला मासिक भुगतान काफी हद तक कम हो जाएगा। अपने वित्तीय संसाधनों का प्रबंधन समझदारी से कीजिए और कर्ज के जाल में मत फंसिए। मकान एक ऐसी संपत्ति है, जिससे मकान मालिक भावनात्मक लगाव रखता है। डिफॉल्ट कर मकान खोना कोई नहीं चाहता।
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