नई दिल्ली : इस वर्ष इंटरनेट (ई-फाइलिंग) के जरिए आयकर रिटर्न भरने वाले लाखों करदाताओं को इस प्रक्रिया से काफी फायदा हुआ है। आयकर विभाग ने फैसला किया है कि जिन लोगों की रिटर्न की रसीद पर निर्धारित सीमा से एक दिन बाद की तिथि है, उन्हें कोई पेनल्टी नहीं देनी होगी।
विभाग के अनुसार उनके कंप्यूटर सर्वरों ने रिटर्न भरने के आखिरी दिन 24 घंटे काम किया था और कुछ लोगों की रसीद पर अगले दिन की तिथि मौजूद है। इसकी वजह अंतिम समय में रिटर्न भरने वाले लोगों की भारी भीड़ है।
सरकार ने हाल ही में एक सर्कुलर में कहा था कि 2008-09 के लिए जिन 30 सितंबर तक दाखिल इलेक्ट्रॉनिक रिटर्न पर अगर प्राप्ति की रसीद एक अक्टूबर की भी है तो भी इसे निर्धारित समय में दाखिल माना जाएगा और इस पर कोई पेनल्टी नहीं वसूली जाएगी।
आयकर विभाग के एक वरिठ अधिकारी ने बताया, '30 सितंबर को लगभग 2.5 लाख इलेक्ट्रॉनिक रिटर्न दाखिल की गई थीं और इनमें से एक लाख से अधिक करदाताओं की प्राप्ति रसीद एक अक्तूबर की है। अंतिम दिन रिटर्न भरने वालों की बड़ी संख्या के चलते यह समस्या पैदा हुई है और ऐसे करदाताओं को जुर्माना नहीं देना होगा।'
इसके साथ ही ऐसे करदाताओं को कारोबारी घाटे को आगे ले जाने और अवमूल्यन (डेप्रिसएशन) की भी अनुमति दी जाएगी। आयकर कानून की धाराओं के तहत मिलने वाले छूट के लाभ भी दिए जाएंगे। इंटरनेट के जरिए रिटर्न भरने वाले करदाताओं को ऑनलाइन फॉर्म में सभी जानकारियां भरने के बाद इसे अपलोड करना होता है। इसके बाद वे इसका प्रिंट लेकर आयकर विभाग से रिटर्न प्राप्ति की रसीद लेते हैं।
रिटर्न भरने के अंतिम दिनों में आयकर कार्यालयों में भारी भीड़ की वजह से ई-फाइलिंग रिटर्न दाखिल करने का एक सुविधाजनक जरिया बन गई है। आयकर विभाग का कहना है कि करदाताओं को अंतिम समय की हड़बडी और परेशानी से बचने के लिए रिटर्न भरने के लिए अंतिम तिथि का इंतजार नहीं करना चाहिए। ई-फाइलिंग के बारे में जानकारी वित्तीय सेवाएं देने वाली बहुत सी कंपनियों की साइट पर भी मौजूद है।
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