Monday, January 26, 2009

Pension Plan : पेंशन प्लान के लिए भविष्य की जरूरतों का अनुमान जरूरी

पिछले कुछ समय से वित्तीय बाजारों पर अनिश्चितता केबादल घिरने की वजह से दौराननिवेशकों के बीच रिटायरमेंट कीयोजना तैयार करने की जरूरतको तरजीह दी जाने लगी है।हाई वोल्टेज मार्केटिंगरणनीतियों ने कई तरह से इसमें भूमिका अदा की है लेकिन जीवनकालबढ़ने और नौकरी एवं कॅरियर के मोर्चे पर लगातार बढ़ती अनिश्चिय कीस्थिति की वजह से लोग पेंशन प्लान के बारे में सोचने पर मजबूर हो गए हैं।

 

इसके फलस्वरूप पेंशन प्लान निवेश पर अब केवल कर छूट का फायदाउठाने के लिए गौर नहीं किया जाता बल्कि लोग संजीदा होकर पेंशन सेहोने वाली आमदनी के बारे में सोचने लगे हैं। वेतनभोगी लोगों के पासरिटायर होने के बाद ग्रेच्युटी और पेंशन इनकम का सहारा होता हैलेकिन जो व्यक्ति स्वरोजगार में लगे लोगों के पास केवल पेंशन प्लानका ही सहारा होता है। इससे रिटायरमेंट की बाद की जिंदगी के लिएउनके पास नियमित आय का स्रोत बरकरार रहता है।

 

हालांकि पेंशन प्लान निवेशकों के दोनो समूहों के लिए फायदेमंद हैक्योंकि यह सामान्य निवेश उत्पाद है जिसमें बहुत कम प्रबंधन कीजरूरत पड़ती है। अगर आप यह जानना चाहते हैं कि यह उत्पाद कामकैसे करता है तो जरा इस ब्योरे पर नजर डालिए :

 

पेंशन प्लान बीमा कंपनियां मुहैया कराती हैं और कुछ म्यूचुअल फंडइसकी पेशकश करते हैं। पेंशन रोजगार से सेवानिवृत्ति के बाद मिलती हैलेकिन निवेशक अपने मन - मुताबिक अवधि तय कर सकता है। मसलन, 50 वर्षीय एक पेशेवर 10 साल की टर्म के लिए पेंशन प्लानले सकता है लेकिन अगर उसे लगता है कि उसे फिलहाल पेंशन सेमिलने वाले पैसे की जरूरत नहीं है तो वह यह अवधि पांच और साल के लिए बढ़ा सकता है।

 

सौभाग्य से आप ऐसा फैसला पेंशन प्लान लेते वक्त ही नहीं बल्कि 60के करीब पहुंचने पर भी कर सकते हैं। इसलिए , युवा निवेशकों के पासपेंशन के लिए ज्यादा रकम एकत्र करने का विकल्प होता है जबकि जोइस बारे में देर से सोचते हैं, उनके हाथ में कम वक्त होता है।

 

कई लोगों के लिए सबसे बड़ी चुनौती पेंशन प्लान के लिए प्रीमियम तयकरना होता है। तकनीकी रूप से, पेंशन फंड को रिटायरमेंट कीबाद की जिंदगी के लिए पैसे काइंतजाम सुनिश्चित करनाचाहिए। हालांकि , जीवन केशुरुआती चरण में आंकड़ें तयकरना इतना आसान नहीं होताक्योंकि थोड़े वक्त में ही हमारीजरूरतों और जीवनशैली मेंगजब का बदलाव आ जाता है।

 

इसलिए , दिमाग में यह बात रखना जरूरी है कि एक पेंशन प्लान सेशायद आपकी जरूरतें पूरी न हों और आपको ऐसी एक और स्कीमलेनी पड़े। एक से ज्यादा पेंशन प्लान का विकल्प है पति और पत्नी केलिए अलग - अलग पेंशन प्लान जो लंबी अवधि में कर छूट का फायदा भी मुहैया कराता है।

 

सेवानिवृत्ति के बाद कितनी पेंशन की जरूरत होगी , इसका अंदाजा लगाने का सबसे आसान तरीका मौजूदा जरूरतों के आधार पर रकम कापता लगाना है। मासिक खर्च का ब्यौरा तैयार करते वक्त बच्चे की शिक्षाजैसे व्यय को इसके दायरे से बाहर ही रखिए क्योंकि रिटायरमेंट के बादऐसा खर्च आपको नहीं चुकाना होगा।

 

पेंशन को भविष्य की वैल्यू के आधार पर मासिक खर्च के कम से कम 50 फीसदी हिस्से का ख्याल रखना चाहिए। उदाहरण के लिए अगर किसी 35 वर्षीय निवेशक का मासिक खर्च 50,000 रुपए है तो उसे इसरकम की भावी वैल्यू तक पहुंचना चाहिए और फिर पेंशन की रकम परगौर करना चाहिए। रिटायरमेंट या पेंशन की रकम का आकलन करते वक्त लिक्विड फंडऔर सावधि जमा जैसे वित्तीयसंपत्तियों पर गौर करना चाहिए।

 

प्रॉपर्टी और किराए से होने वालीआमदनी पर भी विचार करनाचाहिए। हालांकि निवेशकों कोखर्च का अंदाजा लगाते वक्तमहंगाई दर के मामले में खुलारुख दिखाना चाहिए और इसकाआकलन कम से कम 8-9 फीसदी की दर से किया जाना चाहिए।

 

थोक मुद्रास्फीति दर औसतन पांच फीसदी के आसपास रहती है लेकिनजब बात स्वास्थ्य सेवा जैसे खर्च की आती है तो यह काफी ज्यादाहोता है। पेंशन प्लान का प्रीमियम आपकी उम्र और पेंशन की रकम परनिर्भर करता है। अगर कम उम्र में आप इसमें निवेश करते हैं तो कमप्रीमियम पर अधिक पेंशन का लाभ उठा सकते हैं। उम्र बढ़ने परप्रीमियम की रकम भी बढ़ जाती है।

 

पेंशन की शुरुआत का समय आप स्वयं तय कर सकते हैं। अगर आपप्राइवेट सेक्टर में नौकरी करते हैं जहां पेंशन की सुविधा नहीं है तोअपने जीवन के सुनहरी वर्षों में वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिएआप पेंशन प्लान में निवेश कर सकते हैं।


Source: ET Hindi

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