Monday, January 26, 2009

Sex and Matchines



टेक्नॉलजी और सेक्स का रिश्ता अब नया नहीं रहा। सेक्स में टेक्नॉलजी के इस्तेमाल की किस्सागोई अक्सर खबरों की सुर्खियां बनती हैं। पिछले साल यानी साल 2008 भी ऐसी खबरों की भरमार रही। आइए जानते हैं पिछले साल टेक्नॉलजी और सेक्स के रिश्ते से जुड़ीं कौन-कौन सी खबरें लाइमलाइट में रहीं...



आने वाले दिनों में वियाग्रा बीते दिनों की बात हो जाएगी। अब नया जमाना बढ़ रहा है सेक्स चिप की ओर। सैक्स चिप के बारे में आ रहीं रिपोर्ट की मानें तो वैज्ञानिक इन दिनों सेक्स चिप नाम के एक ऐसे डिवाइस पर काम कर रहे हैं जिसे दिमाग में फिट किया जा सकेगा और जो सैक्स के प्लैजर को कई गुना बढ़ा देगी।



कुछ साल पहले इस तरह का डिवाइस एक महिला के ब्रेन में फिट कर दिया गया था। यह महिला सैक्स को ले कर अधिक उत्साहित नहीं रहती थी। मगर इस चिप के इंप्लांट के बाद उसकी सेक्स रिलेटेड इच्छाएं तेजी से बढ़ गईं। यह बात और है कि बाद में इस चिप को निकाल दिया गया क्योंकि महिला अपने इस नए रुप के साथ सामंजस्य नहीं बिठा पा रही थी। यह सेक्स चिप 10 सालों के भीतर एक सचाई बन सकती है। इस चिप पर काम कर रही रिसर्च टीम का कहना है कि यह तकनीक वायरलेस होगी और सेल्फ पावर्ड ब्रेन चिप्स के सहारे चलेगी।


सेक्स लाइफ को एक्साइटिंग बनाने के लिए अब महज एक बटन को टच करने की जरूरत है। जी हां, एक रिमोट कंट्रोल की हेल्प से ऐसा किया जा सकेगा। पुरुष इस रिमोट कंट्रोल के 'कंट्रोल ए मैन' बटन और महिलाएं इसके 'कंट्रोल ए वुमन'बटन को दबाकर सेक्सुअल एक्टिविटी में एक्साइटमेंट पैदा कर सकते हैं। इस रिमोट के बाकी ऐप्लिकेशंस भी दिलचस्प हैं। मसलन, सेक्स की इच्छा कम करने, सेक्स के दौरान ना-नुकुर करने की गतिविधियों को खत्म करने के टूल भी इसमें हैं। 4 पाउंड वजन वाला यह रिमोट कंट्रोल सेक्स के दौरान हर तरह बियर पीने और खाना खाने जैसी इच्छाएं भी जगाता है।



एसएमएस, एमएमएस और टेक्स्टिंग के बाद अब नया ट्रेंड सेक्सटिंग का है। सेक्सटिंग का मतलब किसी को सेल फोन पर X-रेटेड टेक्स्ट मैसेज या फोटो भेजना है। यानी टेक्स्ट मेसेज के जरिये सेक्स को फील करना। ग्रैंडिवा नाम की एक ब्लॉगर का दावा है कि सेक्सटिंग नाम उसी का दिया हुआ है, जो उसने सेक्सी टेक्स्ट मैसेज के लिए दिया था। अमेरिका के स्कूली बच्चों और टीनएजर्स के बीच सेक्सटिंग इन दिनों काफी पॉपुलर हो रही है।



अभी भले ही यह बात आपको मजाक जैसी लगे, पर आने वाले दिनों में इसकी हकीकत को नकारा नहीं जा सकता। हकीकत यह कि लोग रोबॉट तक के साथ सेक्स करेंगे। 'सेक्स विद रोबॉट्स: द इवोल्यूशन ऑफ ह्यूमन रोबॉट रिलेशंस' नाम की किताब लिख चुके प्रोफेसर डेविड लेवी की तो कम से कम यही राय है। जेंडर स्टडीज के इस 62 वर्षीय प्रोफेसर ने कहा है कि इस सेंचुरी के मध्य तक रोबॉट्स के साथ सेक्स की बातें आम हो जाएंगी।



जानीमानी एडल्ड मैगजीन प्लेबॉय का इरादा तो एक सेक्सी सोशल नेटवर्किंग साइट लाने का है। यह साइट खासतौर पर कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए होगी। 'प्लेबॉय यू' नाम की इस साइट में वैसे ही फीचर्स होंगे जैसे फेसबुक में हैं। वैसे तो प्लेबॉय मैगजीन की घटती रीडरशिप को देखते हुए नेटवर्किंग साइट लाने का फैसला किया गया है, पर अमेरिकी यंग जेनरेशन के बीच इसे लेकर खूब चर्चाएं हो रही हैं।



यूट्यूब ने एक तेंदुए जोड़े की सेक्सुअल एक्टिविटी के विडियो को 'स्लग सेक्स' नाम से जब अपनी साइट पर डाला तो 30 लाख लोगों ने इसे क्लिक किया। लोगों ने तो इसे नंबर वन लव सीन तक का खिताब दे डाला। हालांकि कुछ ने व्यंग भी किया कि यूट्यूब पोर्नोग्राफी को क्यों बढ़ावा दे रही है।



Source: ethindi.com

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